भूगोल



भूगोल 

हेलो दोस्तों आपके लिए फिर एक बार स्पेशल एजुकेशन पीडिया पर भूगोल से सम्बंधित टॉपिक लेकर आये है

ü भारत का संपूर्ण भूभाग उत्तरी गोलार्ध में स्थित है.

ü भारत का विस्तार 8.4 उत्तरी अक्षांश तथा 68.7 पूर्वी देशांतर से 97.25 पूर्वी देशांतर तक है.

ü कर्क रेखा 23.5 उत्तरी अक्षांश देश को लगभग दो बराबर हिस्सों में बांटते हुए गुजरात राजस्थान मध्य प्रदेश  छत्तीसगढ़ झारखंड पश्चिम बंगाल त्रिपुरा तथा मिजोरम से गुजरती है.

ü भारतीय मानक समय ग्रीनविच मध्य समय ( जीएमटी ) से 5.5 घंटे आगे चलती है.

ü भारत का क्षेत्र 32 लाख 87263 वर्ग किलोमीटर है यह संपूर्ण विश्व का 2.43 परसेंट है.

ü क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व 7 वा स्थान है.

ü सबसे बड़ा राज्य राजस्थान 342239 वर्ग किलोमीटर है.

ü सबसे छोटा राज्य गोवा 3702 वर्ग किलोमीटर.

ü सबसे बड़ा जिला लद्दाख 82665 वर्ग किलोमीटर है.

ü सबसे बड़ा केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार दीप समूह 8249 वर्ग किलोमीटर है.

ü सबसे छोटा लक्ष्यदीप 32 वर्ग किलोमीटर.

ü भू - भाग के उत्तर दक्षिण लंबाई 32 14 किलोमीटर पूर्व पश्चिम चौड़ाई 2933  किलोमीटर है.

ü कुल स्थलीय सीमा 15,200 किलोमीटर लंबी है जबकि दीपो सहित भारत की कुल 30 सीमा 75,15.5 किलोमीटर है दीपो रहित तटीय सीमा 6,100 वर्ग किलोमीटर है.

ü मुख्य भूमिका दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी है. जो कि अरब सागर हिंद महासागर बंगाली खड़ी तीनों की संधि पर स्थित है दक्षिणतम बिंदु इंदिरा पॉइंट ( पूर्व में इसका नाम पिमेलियन पॉइंट था ) जो की ग्रेट निकोबार दीप समूह स्थित है.

ü भारत के दक्षिणतम हिस्से हैं विषुवत रेखा से दूरी 876 वर्ग किलोमीटर है.

ü गुजरात राज्य की तटीय सीमा सबसे लंबी 1074 किलोमीटर है.

ü प्रायद्वीपीय राज्यों में सर्वाधिक तटीय सीमा आंध्रप्रदेश की है.

ü भारत की प्रादेशिक समुद्री सीमा तट से 12 नॉटिकल मील दूर तक है.

ü संलग्न क्षेत्र प्रादेशिक समुद्री सीमा से 94 नार्टिकल मील तक आगे है.

ü समुद्र में भारत का निकटतम पड़ोसी श्रीलंका है. जो भारतीय भूमि में पाक जलडमरूमध्य द्वारा अलग होता है.

ü भारत का निकटतम दूसरा पड़ोसी इंडोनेशिया है.

ü भारत की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा 409 किलोमीटर बांग्लादेश के साथ लगी हुई है.

ü अंडमान एवं निकोबार के दीप 10 डिग्री चैनल गुजरती है

ü इंदिरा पॉइंट एवं इंडोनेशिया के बीच ग्रेट चैनल गुजरती है.

ü भारत के अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन के साथ 3917 किलोमीटर पाकिस्तान के साथ 3310 किलोमीटर

ü नेपाल के साथ 1752 किलोमीटर म्यांमार के साथ 80 किलोमीटर मिलती है.

ü जम्मू कश्मीर की सीमा जम्मू कश्मीर पंजाब राजस्थान एवं गुजरात राज्यों की सीमा पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी हुई है.

ü जम्मू कश्मीर की सीमा अफगानिस्तान से मिलती है. बिहार उत्तर प्रदेश उत्तरांचल पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम की सीमाएं नेपाल से मिलती है.

ü 5 राज्यों की सीमाय चीन से मिलती है जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, मेघालय, पश्चिम बंगाल 4  राज्यों की सीमाएं म्यांमार से मिलती है

ü वह अरुणाचल प्रदेश , नगालैंड, मणिपुर, एवं मिजोरम,

 


 

 

भू - गर्भीक संरचना 

 

भूगर्भिक संरचना की दृष्टि से भारत को तीन स्पष्ट भागों में बांटा गया है

  1 - प्रायद्वीपीय पठार –

 

 गोंडवाना लैंड का हिस्सा है

 जो विश्व के प्राचीनतम चट्टानों में से निर्मित हुआ है

 

अर्कियाँ क्रम की चट्टानें -

 

 ये अत्यधिक प्राचीन प्राथमिक चट्टानें हैं जो की नीस वा सिस्ट में परिवर्तित हो चुकी है. जो कि यह बुंदेलखंड, नीस बंगाल नीस एवं निलगिरी नीस आदि इसके उदाहरण है.

 

 धारवाड़ क्रम की चट्टानें –

 

ये अर्कियाँ क्रम के प्राथमिक चट्टानों अपरन वा निषेचपण से निर्मित परतदार चट्टान है. इसमें जीवाश्म नहीं पाया जाता है.

 यह कर्नाटक के धरवाड़ एवं बेलारी जिले अरावली श्रेणी, बालाघाट, रीवा, एवं छोटा नागपुर, आदि क्षेत्र में मिलती है.  लोह, अयस्क, तांबा, एवं स्वर्ण इन चट्टान पाए जाने वाले प्रमुख हैं.

 

कुडप्पा क्रम की चट्टाने  -

 

इनका निर्माण धारवाड़ चट्टानों के अपरदन वा निषेपण से हुआ है.

 कृष्णा घाटी, नल्लमलाई, पहाड़ी क्षेत्र पापाधा जी एवं चेयार घाटी आदि में इनका विस्तार देखा जाता है.

 

विंध्य क्रम की चट्टाने

 

 इनका निर्माण कुडप्पा क्रम की चट्टानों के बाद हुआ है.

 इसका विस्तार राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से बिहार के सासाराम तक है.

 यह परतदार चट्टाने है.

 जिनमें बलुआ पत्थर पाए जाते हैं.

 

गोंडवाना कम की चट्टान -

 

यह में सोजोइक महाकल्प की बनी चट्टानें है.

इनका निर्माण कार्लोनीफेरस युग में हुआ था.

यह कोयले के लिए विशेष महत्वपूर्ण है.

भारत का 90% कोयला इन्ही चट्टानों से प्राप्त होता है.

 

 

  2 - उत्तरी विशाल पर्वतमाला -  

 

 एक करोड़ वर्ष पूर्व हिमालय की सभी श्रंकलाए आकर ले चुकी थी.

 वृहद हिमालय का निर्माण एयोचिन (सोनोजोइक महाकल्प ) में हुआ.

 शिवालिक श्रेणी का निर्माण प्लायोसिन कल्प में हुआ.

 लघु हिमालय का निर्माण मायोसिन सेनोजोइक महाकल्प में हुआ.

 

 

3 - उत्तर का विशाल मैदान -

 

इसका निर्माण प्लिस्टोसिन एवं होलोसिन (नियोजोइक महाकल्प) में हुआ.

 या भारत का नवीनतम भूभाविक संरचना है.

प्राचीन वन प्रदेशों के दब जाने से कोयला और पेट्रोल के क्षेत्र मिलते हैं.


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