मध्य प्रदेश में वन
2005 को मध्य प्रदेश की नई वन नीति घोषणा की गई.
उद्देश्य स्थिति की संतुलन और भूचाल संरक्षण के साथ-साथ वनाश्रित असमुदा की जरूरत को पूर्ति हो सके और वनों की उत्पादकता वृद्धि की जा सके
वनों को साथ प्रतिशत राष्ट्रीयकरण करने वाला देश का प्रथम राज्य मध्य प्रदेश है
वनों का राष्ट्रीयकरण वर्ष 1970 में किया गया
सर्वप्रथम तेंदूपत्ता का राष्ट्रीयकरण किया गया
पर्यावरणीय दृष्टि से एक तिहाई 33% भाग में वन होना चाहिए वन संपदा की दृष्टि से मध्य प्रदेश समृद्ध राज्य हैं
मध्य प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 30 लाख 82 हजार 52 वर्ग किलोमीटर में से 94.69 हजार वर्ग किलोमीटर पर वन क्षेत्र है
मध्य प्रदेश में सर्वाधिक वन वृक्ष सागौन द्वितीय साल वृक्ष है
मध्य प्रदेश में साल बृक्षों में साल बोरर कीट लगने से लगभग 10 लाख पेड़ों को काटना पड़ा था.
मध्य प्रदेश में बालाघाट में वन राजकीय महाविद्यालय है
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल में है.
वन अनुसंधान संस्थान देहरादून का क्षेत्रीय कार्यालय मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित है
राज्य के कुल क्षेत्रफल का 30.9% वन है
सर्वाधिक आरक्षित वन खंडवा वन व्रत में है
उज्जैन वन व्रत में सबसे कम आरक्षित वन है
मध्य प्रदेश वन विकास निगम की स्थापना 1975 में की गई
मध्य प्रदेश वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1974 में पारित किया गया
प्रदेश में सामाजिक पानी की योजना 1976 में प्रारंभ की गई
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में प्रादेशिक वन स्कूल स्थापित है
बैतूल एवं रीवा में वन पहरेदारों का ट्रेनिंग स्कूल स्थापित है
राज्य के 50 जिलों को 16 क्षेत्रीय वन ब्रत तथा 62 क्षेत्रीय वन मंडल में विभाजित किया गया
होशंगाबाद में साल वक्षो की सघनता है.
मध्य प्रदेश के उमरिया में लाख बनाने का सरकारी कारखाना है.
मध्य प्रदेश के बानमोर में खेर से कथा बनाया जाता है.
मध्य प्रदेश की पहली वन नीति 1952 में बनी थी.
जबलपुर को आम जिला एवं पन्ना को आंवला जिला घोषित किया गया.
जलवायु के आधार पर वर्गीकरण
उष्णकटिबंधीय परणपति वन
यह वन 50 से 100 सेंटीमीटर वर्षा क्षेत्र में पाए जाते हैं
वन ग्रीष्म ऋतु जल के अभाव के कारण पत्तियां गिरा देते हैं
वनों में उत्तम इमारती लकड़ी पाई जाती है
सागौन पीपल नीम शीशम आदि वृक्ष आते हैं
ये वन प्रदेश के सागर जबलपुर छिंदवाड़ा दमोह छतरपुर पन्ना बैतूल शिवानी होशंगाबाद जिले में पाए जाते हैं
उष्ण कटिबंधीय अर्ध पर्णपाती वन
ये वन 100 - 150 सेमी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं
मध्य प्रदेश के मंडला बालाघाट सिंधी शहडोल जिलों में विस्तार है
वनों में वीजा धोरा जामुन महुआ हर्रा आदि है
उष्ण कटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन
यह वन 55 से 75 सेंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं.
इन्हें कटीले वन भी कहते हैं.
हर्रा बाबुल पलाश तेंदू धोरा हन्दू सीरीज आदि वृक्ष पाए जाते हैं.
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