मध्य प्रदेश का इतिहास और उसकी संस्कृति/mahaya pradesh ka itihas or uski sanskriti

 मध्य प्रदेश का इतिहास और उसकी संस्कृति

 

·        भू -वैज्ञानिक दृष्टि से मध्य प्रदेश सर्वाधिक प्राचीन गोंडवाना लैंड का भाग है.

 

·        मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में ढक्कन ट्रैप की चट्टानों और पूर्वी भाग में विंध्य सेल समूह स्थित है,

 

·        मध्य प्रदेश के पश्चिमी भारत में दक्कन ट्रैप की चट्टानों और पूरी भाग में विंध्याचल समूह स्थित है,

 

·        मध्य प्रदेश का इतिहास प्रागैतिहासिक काल में आरंभ हो जाता है,

 

·        प्रागैतिहासिक काल के अवशेष मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका की गुफाओं में सागर के निकट स्थित पहाड़ियों के सेल क्षेत्र से कबरा पंचमणि से प्राप्त होते हैं,

 

·        सिंधु सभ्यता और ताम्र पाषाण संस्कृति के प्रमाण महेश्वर नावडातोड़ी से मिलते हैं,

 

·        वैदिक काल में मध्य प्रदेश का उल्लेख दक्षिण पंथ और रेवोत्तर के रूप में किया जाता है,

 

·        हैहक वंशीय राजा महिष्म ने  नर्मदा नदी के तट पर माहिष्मती नामक नगर बसाया था,

 

·        महाकाव्य कल में यादव वंशीय राजा मधु का उल्लेख मिलता है,

 

·        राजा मधु अयोध्या के शासक दशरथ के समकालीन थे,

 

·        रामायण में दंडकारण्य वनों का उल्लेख मिलता है,

 

·        महाजनपदों के 16 महाजनपदों में अवंतिका का उल्लेख मिलता है,

 

·        अवंतिका की उत्तर अवंतिका उज्जैन दक्षिण अवंतिका माहिष्मती राजधानियां थी,

 

·        मौर्य कालीन सभ्यता का अवशेष मध्य प्रदेश में अशोक के (गुर्जरा)  दतिया अभिलेख के रूप मिलता हैजिसमें अशोक नाम का प्रयोग हुआ है,

 

·        अशोक ने सांची स्तूपों का निर्माण करवाया था,

 

·        अशोक ने विदिशा के व्यापारी की पुत्री श्रीदेवी से विवाह किया था,

 

·        शुंग काल में पिष्पमित्र शुंग ने विदिशा को अपनी राजधानी व सांची स्तूप के तोरण द्वारा बनवाए थे,

 

·        गुप्त शासक चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने पाटलिपुत्र के अतिरिक्त उज्जैनी को अपनी राजधानी बनाया था,

 

·        तिगवा का वैष्णव मंदिर उदयगिरी की गुफाओ वा बाघ की गुफाओ का चित्रण गुप्तकाल में हुआ था,

 

·        बाणभट्ट की कादंबरी के अनुसार हर्षवर्धन ने विंध्य और नर्मदा के उत्तरी भाग में शासन स्थापित किया था,

 

·        राजपूत काल में परमारवंशीय राजा राजा भोज ने ख्याति प्राप्त की थी,

 

·        राजा भोज तलवार का धनी था,

 

·        राजपूत युग में चंदेलों ने खजुराहो के मंदिरों का निर्माण करवाया था,

 

·        1919 में मोहम्मद गजनवी ने मलवा पर आक्रमण किया था,

 

·        मध्यकाल में मांडू का शाशक होशंग शाह था जिसने होशंगाबाद शहर की स्थापना की थी,

 

·        1526 में पानीपत के द्वितीय युद्ध के पश्चात बाबर ने ग्वालियर चंदेरी कालपी पर अधिकार कर लिया था,

 

·        अकबर ने बाज बहादुर को पराजित कर मालवा पर अधिकार जमाया था,

 

·        इंदौर में होलकर ग्वालियर में सिंधिया ने अपना प्रभुत्व स्थापित किया था,

 

·        ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में बंगाल से प्रशासनिक इकाई के रूप में अपना प्रवेश किया था,

 

·        प्लासी और बक्सर के युद्ध के मध्य से ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत में धन का निष्कासन आरंभ हो गया था,

 

·        अंग्रेजों की शोषण की नीति एवं दमनात्मक शासन ने पहली बार 1857 में भारतीयों को विलुप्त करने का विवश किया था,

 

·        भारतीय द्वारा वेलाव का आरंभ सर्वप्रथम मेरठ में हुआ था,

 

·        1818 में महाकौशल क्षेत्र में सर्वप्रथम विद्रोह की चिंगारी दिखाई पड़ी थी,

 

·        नागपुर के तात्कालिक देशभक्त अप्पाजी भोंसले को अंग्रेजों ने मंडल बैतूल छिंदवाड़ा सिवनी एवं नर्मदा कछार का क्षेत्र छोड़ देने के लिए बाध्य किया था,

 

·        1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में तत्याटोपे नाना साहब झांसी की रानी लक्ष्मीबाई आदि ने आंदोलन को चरम उत्कर्ष पर पहुंचा था,

 

·        3 जून 1857 को नीमच में 14 जून 1857 को ग्वालियर में 18 जून 1857 को महाकौशल 20 जून 1857 को शिवपुरी में 1 जुलाई 1857 को महू एवं इंदौर में विद्रोह हुआ था,

 

·        अक्टूबर 1857 में मंडला जिले के स्वतंत्रता आंदोलन में रामगढ़ की रानी अवंती बाई का मातृभूमि के प्रति प्रेम भी उल्लेखनीय है,

 

·        1 जुलाई 1857 की प्रातः शहादत खा एवं भागीरथ के नेतृत्व में इंदौर की ओर बढ़ रही सेना पर विद्रोहियों ने हमला कर दिया होलकर ने भी विद्रोहियों के प्रत्यक्ष रूप से सहायता दी थी,

 

·        भोपाल के बेगम सिकंदर ने अंग्रेजों को अपना समर्थन दिया वा विद्रोह दबाने में सहायता की प्रदान की थी,

 

·        1857 के आगे महू अमझेरा सरदारपुर में भी अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह भड़क उठा था,

 

·        आजादी की लड़ाई मंडलेश्वर एवं पश्चिम निवाड तक पहुंच गई थी,

 

·        मलेश्वर सेंट्रल जेल पर विद्रोही सैनिकों ने हमला कर सरकारी खजाना लूट लिया वह स्वतंत्र होने की घोषणा कर दी थी,

 

·        पश्चिमी निमाड़ के भीमा नायक के नेतृत्व में आदिवासियों की संगठित सी ने सेंधवा में विद्रोह किया था,

 

·        1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के पश्चात पुन राजनीतिक योजना प्रारंभ होने लगी थी,

 

·        तिलक के प्रभाव में मध्य प्रांत एवं मालवा के गणेश उत्सव शिवाजी उत्सव और अखाड़ो के माध्यम से राष्ट्रीय भावना का प्रचार होने लगा था,

 

·        खंडवा से सुबोध सिन्धु और जबलपुर से जबलपुर टाइम्स के प्रकाशन के साथ राष्ह्र्वाद का प्रचार बदने लगा था,

·        माखनलाल चतुर्वेदी ने अपने पात्र कर्मवीर में राष्ट्रीय चेतना के प्रचार को नई चेतना दी थी,

 

·        1899 में लाहौर में सम्प्पन कांग्रसे अधिवेसन में डॉ हरिसिंह गौर ने न्याय विभाग और शाशन को प्रथक प्रथक करने की आवाज उठाई थी,

 

·        1907 में जबलपुर में क्रांतिकारी दल का गठन हुआ था,

 

·        1923 में जबलपुर में झंडा सत्याग्रह आरंभ हुआ जो संपूर्ण देश में फैल गया नेतृत्व देवदास गांधी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने किया था,

 

·        1923 में जबलपुर की तर्ज पर नागपुर में झंडा सत्याग्रह इसका नेतृत्व महात्मा गांधी भगवानदिन पंडित एवं पुरानचंद राका ने किया था,

 

·        1930 में नमक सत्याग्रह के समय शिवानी के श्री दुर्गाशंकर मेहता ने गांधी चौक पर नमक बनाकर सत्याग्रह किया था,

 

·        1922 मध्य प्रदेश की भोपाल रियासत के अंतर्गत सीहोर कोतवाली के समक्ष विदेशी फेल्ट केप की होली जलाई गई थी,

 

·        1938 भोपाल राज्य प्रजा मंडल की स्थापना हुई थी,

 

·        बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी जिले में जंगल सत्याग्रह से प्रारंभ हुआ था,

 

·        शाहपुर के निकट स्थित बंजारी टोल का गजेंद्रसिंह कोरकू ने उसका नेता था,

 

·        1942 भारत छोड़ो आंदोलन के समय मंडलेश्वर में क्रांतिकारियों को बंदी बनाया गया था,

 

·        राजनीतिक रूप से क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए 1907 में जबलपुर में क्रांतिकारी दल का गठन किया गया था,

 

·        चंद्रशेखर आजाद ने झांसी और ओरछा के बीच ग्राम धीम्पुरा के नजदीक सातार नदी के किनारे पंडित हरिशंकर ब्रह्मचारी के नाम से क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया था,

 

·        अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का जन्म मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भवर ग्राम में 23 जुलाई 1906 को हुआ था,

 

·        चंद्रशेखर आजाद ने अदालत में अपना नाम आजाद पिता का नाम स्वाधीन तथा अपना घर जेल खाना बताया था,


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