विटामिन के प्रकार एवं स्त्रोत्र-Vitamin Ke Prakar Evm Strotra

 विटामिन के प्रकार एवं स्त्रोत्र-Vitamin Ke Prakar Evm Strotra



शरीर को स्वस्थ रखने में पोषक तत्वों की अहम भूमिका होती है इन्हीं पोषक तत्वों में विटामिन का नाम भी शामिल है।ये तत्त्वों ले समूह होते है जो शरीर की कोशिकाओं में व्रद्धि करते है। यह शरीर की वृद्धि के लिए आवश्यक होते है।यह शरीर को ठीक तरह से कार्य करने में मदद करते है।


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13 प्रकार के विटामिन और उनके रासायनिक नाम


1- विटामिन A रेटिनाल

2 - विटामिन B1 थायमिन

3 - विटामिन B2  रायबोबोफ्लेविन

4 - विटामिन B3 नियासिन

5  - विटामिन B5 पेटाथेनिक एसिड

6 - विटामिन B6 पाइरीडॉक्सिन

7 - विटामिन B7 बायोटिन

8 - विटामिन B9 फोलेट या फोलिक एसिड

9 - विटामिन B12 स्यानोकोबलामिन

10 - विटामिन C एस्कोर्बिक एसिड

11 - विटामिन D केसिलफेरॉल

12 - विटामिन E टोकोफेरोल

13 - विटामिन K फिलोकिनोन


   


 विटामिन की कमी के लक्षण


- मानसिक तोर पर विटामिन की कमी के लक्षण -


1- मन का शांत न होना 

2- हिसात्मक व्यवहार होना 

3- मानसिक विकार होना जैसे - पागलपन

4- भावनात्मक तौर पर अस्थिर होना 

5- डीफ्रैशन होना



शारीरिक तोर पर विटामिन की कमी के लक्षण


एनिमिनिया (खून) की कमी होना

भूख कम होना

शारीरिक विकास कम होना

हड्डिया नरम ओर कमजोर होना 


विटामिन का अविष्कार फांक ने सन 1911 में किया था यह एक प्रकार का कार्बनिक योगिक है

जल में गुलनशील विटामिन B एवं C तथा जल में घुलनशील विटामिन A D E K है



विटामिन के प्रकार स्त्रोत


भोज्य पदार्थ में पाए जाने वाले जटिल कार्बनिक पदार्थ जो शरीर की वृद्धि और पोषण करते है उन्हें विटामिन कहते हैं सर को स्वस्थ रखने में पोषक तत्व की हम भूमिका होती है इन्हीं पोषक तत्वों से विटामिन नाम भी शामिल है विटामिन के कई प्रकार सारे हैं

पोषण विटामिन वह चीज होती है जिससे हमारा शरीर वृद्धि करता है और हमें सब पोषक तत्व मिलते हैं विटामिन कहलाते हैं


विटामिन अनेक प्रकार के होते हैं कुछ विटामिनों को हम समझेंगे


विटामिन A से पदार्थ के शरीर को स्वस्थ रखने और विकास के लिए जरूरी होते हैं शरीर की कोशिकाओं कार्य वृद्धि और विकास के लिए जरूर होते हैं इस शरीर को ठीक तरह से कार्य करने में मदद करते हैं


विटामिन A के प्रमुख स्रोत


  1. सब्जी

  2. पालक

  3. खजूर 

  4. मक्खन

  5. पपीता

  6. पिले फल

  7. गाजर आदि


विटामिन A की कमी के लक्षण

शारीरिक विकाश


विटामिन B के प्रमुख स्त्रोत्र


  1. अंडा 

  2. दाल

  3. मांस

  4. हरी सब्जी

  5. अनाज आदि



विटामिन C के प्रमुख स्त्रोत्र


  1. खट्टे फल

  2. निम्बू 

  3. संतरा

  4. आंवला


विटामिन D  के प्रमुख स्त्रोत्र


  1. अंडा

  2. दूध

  3. मक्खन

  4. तेल

  5. मछली का आयल

  6. सूर्य प्रकाश



विटामिन K प्रमुख स्त्रोत्र


  1. अंडे के अंदर का पीला भाग

  2. टमाटर

  3. हरी पत्तेदार सब्जियां



आंवला शरीर मे कैलेस्ट्रोल को रोकने में सहायक होता है आंवले का प्रयोग करने से यकृत में वासा तथा कैलेस्ट्रोल की मात्रा कम होने लगती है

इससे रुधिर वाहिनी में रक्त के प्रवाह में वृद्धि होती है इसके प्रयोग से ह्रदय स्वास्थ्य रहता है


भोजन के प्रमुख घटक


कार्बोहाइड्रेट वासा प्रोटीन खनिज लवण एव जल



  1. 1 स्टार्च

  2. 2 विटामिन

  3. 3 स्कर्वी

  4. 4 बेरी-बेरी

  5. 5 खनिज तत्व

  6. 6 संतुलित आहार



भोजन के प्रमुख घटक


  1. कार्बोहाइड्रेट

  2. वासा 

  3. प्रोटीन

  4. विटामिन

  5. खनिज लवण 

  6. जल



विटामिन A (रेटिनाल)


विटमिन A  का सेवन करने से दांतों के स्वास्थ्य से लेकर हड्डियों कोशिकाओं म्यूकस ओर मेम्ब्रेन

ओर त्वचा के लिए उपयोगी होता है या कहे तो 

विटामिन ए को रेटिनाल भी कहा जाता है

यह आंखों के लिए जरूरी होता है

गर्ववस्था के लिए विटामिन ए जरूरी होता है

  

विटामिन A


विटामिन ए युक्त आहार के सेवन से हमारा शरीर तो अच्छा स्वास्थ्य जवान बनी रहती है ज्यादा अगर विटामिन ए की मात्रा दे तो यह नुकसानदेवी हो जाता है बाल गिरना सर दर्द ऐसी शिकायत होने लगती है हड्डी जोड़ों में दर्द हृदय को नुकसान पहुंचता है लड़कियों में असमय में मासिक धर्म की समस्या हो सकती है

विटामिन ए हमारे शरीर की त्वचा नाखुनो आदि के लिए महत्वपूर्ण होता है


विटामिन ए की कमी से होने वाले नुकसान-


  1. कमजोर दाँत होना 

  2. थकान महसूस होना 

  3. रूखे बाल 

  4. रूखी त्वचा

  5. निमोनिया

  6. सर्दी जुखाम

  7. वजन घटाना

  8. नींद ना आना

  9. रतोंधी



विटामिन B (थाइमिन)


विटामिन बी वास में घुलनशील विटामिन है जो सेल्यूलर मेटाबॉलिज्म में हम भूमिका निभाता है यह रासायनिक और जैविक रूप से एक दूसरे से अलग होते हैं लेकिन कहीं खाद्य पदार्थों में यह स्थान पाए जाते हैं






विटामिन B2 ( रिबोफ्लेविन)


  1. यह विटामिन कोशिकीय ऑक्सीकरण 

  2. के लिए जरूरी होता है

  3. जिसकी कमी से शरीर का विकाश रुक जाता है

  4. बुढ़ापा आना जीभ में छाले होना 

  5. इसके प्रमुख स्त्रोत्र अंडा चिकन खमीर गेहू आदि





विटामिन B3 (पेटाथेनिक एसिड)


  1. यह कोएनजाइम- A तथा एसीटायकोलिन के संश्लेषण के लिए बहुत जरूरी है

  2. इसकी कमी से पेशियों में लकवा पैरो में जलन

  3. महसूस होना मंदबुद्धि का होना भी इसका प्रमुख कारण है।




विटामिन B5 


  1. नियासिन या निकोटिक एसिड

  2. शारीरिक वृद्धि कार्बोहायड्रेट

  3. अपाचे अमाशय महिलाओ की सक्रियता तंत्रिका

  4. तंत्र के लिए आवश्यक है

  5. अगर शरीर मे इसकी कमी हो जाये जीभ का चिकनापन त्वचा पर फेफड़े फुंसी होना पाचन क्रिया में गड़बड़ी त्वचा दाद चिड़चिड़ापन आदि






विटामिन B6 


  1. पारिडॉसिन 

  2. इसकी कमी से त्वचा रोग वा अनिमेनिया हो जाता है

  3. इसके प्रमुख स्त्रोत्र अनाज ताजा सब्जियां अगर हम उपयोग करते है तो

  4. इसकी कमी दूर होती है



विटामिन B7


  1. बयोटिन 

  2. इसकी कमी से लकवा शरीर मे दर्द बालो का गिरना होता है

  3. इसके प्रमुख स्त्रोत्र अंडा दूध 



विटामिन B9


  1. इसको फोलिक एसिड भी कहते है

  2. यह हमारे शरीर मे उपापचय क्रिया में सहायक होता है

  3. जब हमारे शरीर मे ऐसी कमी होती है तो मुह पर छाले आ जाते है

  4. इसकी कमी को पूरा करने के लिए हमे हरी पत्तेदार सब्जियां संतरे सूरजमुखी के बीज आदि का उपयोग करना चाहिए




विटामिन B12


  1. साइनोकोबेलिन

  2. यह रुधिरानु बनाना न्यूक्लिक अमल के सशलेशन के लिए नाइट्रोजन उपापचय 

  3. इसकी कमी से नेशन एनिमेनिया हो जाता है यह कोबाल्ट वा सायनाइड का योगिक है

  4. इसमे यकृत का मुख्य स्त्रोत्र है



विटामिन C


  1.  इसे हम एस्कार्बिक अम्ल कहते है

  2. संयोजी उत्तको में रख रखाव में 

  3. दांतो का विकास दांतो की मजबूती

  4. मसूड़ो की को निरोगी रखना 

  5. घाव भरने 

  6. इसकी कमी से स्कार्बी नामक रोग हो जाता है

  7. जिससे मसूड़ो ओर शरीर के अन्य भागों में सूजन आने लगती है एवं अस्थिया कमजोर होने लगती है

  8. इसके प्रमुख स्रोत संतरा निम्बू आवला नारंगी टमाटर पत्ता गोभी खट्टे पदार्थ आदि



विटामीन D केलवीफेराल


  1. शारिरिक वृद्धि तथा अस्थियो का निर्माण 

  2. इसकी कमी से सुखा रोग दांतो का सड़ना आदि रिकेट्स से बच्चो में विकृति नामक बीमारी हो जाती है  

  3. इसके प्रमुख स्त्रोत्र सुर्य का प्रकाश मछली का जिगर यकृत का तेल दूध अंडे की जर्दी आदि



विटामिन E टोकोफेराल


  1. इसे फर्टीलिटी विटामिन भी कहा जाता है

  2. इसकी कमी से बांझपन उत्पन्न होता है

  3. यह विटामिन स्किन कंडिशनिंग के लिए महत्वपूर्ण है

  4. इसके प्रमुख स्त्रोत्र पत्ता वाली सब्जी दूध मक्खन अंकुरित गेहू वनाशपति तेल आदि


विटामिन K


  1. फेलोकिवनोन्न 

  2. इस विटामिन के कारण रक्त का जमाना सम्भव हो जाता है

  3. यकृत की सामान्य क्रियाओ के लिए बहुत ही आवश्यक है

  4. इनकी कमी से रुधिर स्त्राव का होना ऐठन आदि होते है

  5. इसके प्रमुख स्त्रोत्र हरि सब्जी तेल टमाटर



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