अदि मानव का जन्म केसे हुआ
हेलो दोस्तों हम आपके सामने एक पर महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आ रहे है इसमें हम आदिमानव का जन्म केसे हुआ उसके बारे में जानेगे, उस्नेव अपना जीवन यापन केसे किया, उसकी क्या क्या खोज सभी चीजो को हम इस लेख में पड़ेंगे पर फिर एक बार महत्वपूर्ण लेख लेकर आये है,
लाखों वर्ष पूर्व पहले इस पृथ्वी पर मानव का जन्म हुआ पहले मनुष्य चार पैरों पर चलता था और जंगलों में रहता था
वह पेड़ की जड़े पत्तियां फल फूल खाता था कुछ छोटे जानवरों को मार कर उनका कच्चा मांस खाता था वस्त्र नहीं पहना था व
ह घूमता रहता था देखने में एकदम वानर जैसा था मानव खान की तलाश में इधर-उधर दिन भट्ट लेकिन रात होने पर और जानवरों से सुरक्षा व ठंड वर्ष से बचने के लिए गुफा जैसा स्थान मिलने पर हम उसमें रहने लगा
लेकिन वह दिखाएं पेड़ों पर चढ़कर रहता था
इस तरह से जंगलों में जानवरों से सुरक्षा करता था
जब उसे ऊंचाइयों पर लगे पेड़ों फलों को देखा होगा तो उसने तोड़ने के लिए अपने सभी को संतुलित करते हुए चार पैर की वजह दो पैरों का उपयोग करने लगा होगा
और धीरे-धीरे अपने शरीर को संतुलित करते हुए चार पैर के वजह दो पैरों से उसने फल को तोड़ कर खाया होगा जाकर चेंज होने लगा धीरे-धीरे खड़ा होने लगा
होने लगी हंसने रोने लगा भजन खाना पीना इकट्ठा करने लगा सिं हथियार बना लेगा पत्थर का उपयोग करो मासूम काटने छीलने उपयोग करने लगा,
पाषाण युग -
पाषाण युग लाखों वर्षों तक चला पत्थरों के औजारों के स्वरूपों के आधार पर इस युग को हम तीन भागों में बांट सकते हैं,
1- पाषाण युग -
इस युग मे आदिमानव पत्थरो को तोड़कर हथियार बनाने लगा इन्होंने पत्थरो के औजार बनाना सिख लिया था,
2 - मध्य पाषाण युग -
इस काल मे भी पत्थरो के औजार बनाकर उनमे हत्था सागर उपयोग करना ।। जिससे अच्छे से औज़ार का उपयोग हो सके।
3 - उत्तर पाषाण युग -
इस काल मे छोटे पैने
अधिक धारदार हथियार बनने लगे
इसका काल 24000 ई.पू से 30000 ई .पू तक माना जाता है ।
4 - नव पाषाण युग -
इस कॉल में पत्थर की चिकनी कुल्हड़िया,
हाथ से बने बर्तन, झोपड़ियो का निर्माण, करना सीख गया था।
आग की खोज -
पहले मनुष्य के बारे में नहीं जानता था उसने पहली बार जंगल में सूखी लकड़ियों को आपस में तेज़ रगड़कर आग लगाते हुए एवं पत्थरो के निर्माण के दौरान औजारों से दो पत्थर के आपस में टकराने पर चिंगारियां निकली देखी होगी जिसे पहली बार मानव ने आग उत्पन्न की होगी
रात के समय वो आग जलाकर प्रकाश करने लगे
अब वे मांस को भूनकर सेककर खाने लगे होंगे
जंगली जानवर आग से डरते है वे आग जलाकर जानवरो से अपनी सुरक्षा करने लगे ।
आदिमानव आग की तलाश में इधर- उधर घूमता रहता था थक जाने के बाद वो गुफाओ वा पेड़ो पर निवास करता था
पहाड़ो की चट्टानों को शैल भी कहते शैल में निर्मित इन आश्रय स्थलों के कारण इन्हें शैलाश्रय भी कहते है
कही कही पर ये इतने बड़े है कि इसमें 500 व्यक्ति तक बैठकर आश्रय प्राप्त कर सकते है
इन्ही गुफाओ में रहकर आदिमानव ने अपने दैनिक जीवन की क्रियाओं को चित्रित किया ये चित्र गुफाओ की चट्टानों पर बने है।
अतः इन्हें शैलचित्र कहते है भारत मे सेकड़ो स्थानों पर बने मिलते है
मध्य प्रदेश में -
भोपाल, जबलपुर, रायसेन,सीहोर, विदिशा, मंदसौर, कटनी, सागर गुना आदि जिलों में मिलते है
आदिमानव के पास हमारे जैसे वस्त्र नही थे वे ठंड बरसात आदि से बचने के लिए वृक्षो की छाल, पत्तो एवं जानवरो की खाल से अपने शरीर को दकते थे।
लकड़ी, सीप, पत्थर, सिंग , हाथी दांत , हड्डी के बने आभूषण पहनते थे।
पक्षियों के पंखों से भी आभूषण बनाते थे,
हमारे देश मे आज भी कई जातीय ऐसे ही श्रृंगार करती है, पंख शीप हड्डी, रंगीन पत्थर जानवरो के सींग हड्डीयो के आभूषण पहनती है
पशुपालन एवं कृषि -
नवपाषाण युग का आदि मानव ने पशुपालन खेती करने के प्रारंभिक तारिक को खोज कर लिया वह हेलो वह पशुओं को पलटा था उसने पशुपालन सीख लिया था पशुओं से कई तरह काम लेता था शिकार करने में कुत्ता खेतों बैल दूध प्राप्त करने गायब भैंस बकरी मांस प्राप्त करने के लिए बकरा भेद भैंस सवारी है तो बैल भैंस घोड़ा कुछ पुरातात्विको के अनुसार भारत में कृषि की शुरुआत लगभग 10000 साल पहले हो चुकी है इस प्रकार आदिमानव का भोजन की तलाश में इधर उधर - घूमना फिरना कम हो गया अब वह जान गया था कि मानव और पशुओं द्वारा फल खाकर फेके हुए बीजों के ऐसे नए पौधे उगते हैं खेती करने के महत्वपूर्ण खोज थी
इस प्रकार कल एक महत्वपूर्ण खोज थी इस कारण मानव को भोजन की तलाश में भटकने जरूरत नहीं थी उसने एक जगह बसना सीख लिया था।
पहिये की खोज -
आदिमानव की खोज में कहीं खोज एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है और यह खोज उसके जीवन यापन के लिए वरदान साबित हो इस खोजने मानव ने बड़ी तेजी से प्रगति की इस खोज ने मानव को कहीं लाभ हुए,
पहिये की खोज के लाभ -
भारी चीज कोई किसान दूसरे स्थान तक ले जाने में गहराई से पानी खींचने में चक्र से मिट्टी के बर्तनों के निर्माण में पशुओं द्वारा खींची जाने वाली पशु गाड़ी निर्माण में
यह खोज एक ऐसी आदिमानव द्वारा खोज थी
जिससे मनुष्य लगातार प्रगति आगे बढ़ते गया और नित नए आयाम शिखर पर पहुचता चला गया ,
हेलो दोस्तों यह आदिमानव से सम्बंधित जानकारी आपको केसी लगी इसमें हमने अदिनाम्व के रहन - सहन क्या - क्या खोज की उसका जेवण यापन केसा था सभी जानकारी ओको इस लेख में मिल जाएगी
ThAnKS
0 Comments