मुहावरे एवं लोकोक्तियां
मुहावरे ऐसा वाक्यांश है जो अपने सामान्य अर्थ का बोध ना कर कर किसी विलक्षण अर्थ की प्रति करता है वाक्यांश शब्द से स्पष्ट है कि मुहावरा संक्षिप्त होता है परंतु अपने संक्षिप्त रूप में ही बड़े विचार या भाव को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करता है
कहावत का अर्थ है ऐसी कहावत कही हुई बात जिसमें जीवन के अनुभव से संक्षिप्त एवं विलक्षण ढंग से व्यक्त किया गया हो और वह समय की कसूरी पर खड़ी उतारती हो कहावत को सूक्ति सुभाषित और लोकोक्ति भी कहते हैं
प्रतियोगी परीक्षा में मुहावरे और लोकोक्तियां से संबंधित कई प्रकार के प्रश्न आते हैं देखा गया है कि सामान्य हिंदी के प्रश्न में इसे संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं जो एग्जाम के हिसाब से बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर है
महत्वपूर्ण प्रश्न -
मेंढकी को जुकाम होना
अनहोनी होना
रोटियां तोड़ना
बिना मेहनत किये पड़े पड़े खाना
सिटी पिट्टी गुम होना
भय से होश आवास उड़ जाना
चलता पुर्जा होना
चालाकी से काम लेना
कांठ की हांडी
अस्थाई चीज
आंख ओट पहाड़ ओट
जब आंख के सामने नहीं तब क्या दूर क्या पास
आगे नाथ न पीछे पगहा
कोई सगा संबंधी ना होना
आज मरे कल दूसरा दिन
मृत व्यक्ति क्रमशः इतिहास की वस्तु बनता जाता है
आर्ट कनौजिया 9 चूहे हैं
आपस में बहुत अधिक भेदभाव करना
आत्मा सुखी तो परमात्मा सुखी
स्वयं सुखी होने पर सब अच्छा लगता है
अंगूठा दिखाना
किसी काम को करने से साफ इनकार कर देना
अड़ियल टट्टू
बात ना मानने वाला
गुदड़ी का लाल
अप्रसिद्ध परिवार में गुणी व्यक्ति का होना
ऊंट रे ऊँट तेरी कौन सी कल सीधी
जिसमें दोष ही दोष हो
खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे
काम बिगड़ जाने पर सब पर गुस्सा करने वाला
आसमान पर चढ़ना
अत्यधिक अभियान करना
तू डाल-डाल में पात पात
दोनों चालाक
दांत से दांत बजाना
अधिक ठंड पड़ना
यह मुंह और मसूर की दाल
हैसियत से बढ़कर चाहना
भागीरथ प्रत्यय
असाधारण प्रत्यय
आंख की किरकिरी होना
अप्रिय लगना
जिस पत्तल में खाना उसी में छेद करना
कृतगन होना
अंधों में काना राजा
अज्ञानियों में अल्प ज्ञान वाले का सम्मान होना
हाथ जोड़ देना
हार मान लेना
गार्डन ना उठाना
अधीन होना
ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती
बहुत छोटी सी वस्तु मिलने से तृप्ति नहीं होती
कुँए में भांग पड़ना
सभी की बुद्धि खराब होना
मिट्टी का माधो
निपटमूर्ख
चुपड़ी और दो - दो
सभी ओर से लाभ
सांप छछूंदर की गति होना
दुविधा की स्थिति
लोगों का घूंट पीकर रह जाना
अपमान सहन कर लेना
मक्खी की तरह निकाल देना
किसी को किसी काम से अपेक्षा पूर्वक अलग कर देना
फूटी आंख ना सुहाना
जरा भी अच्छा न लगना
जो बोले सो कुंडा खोलें
जो सुझाव दे वही उसकी जिम्मेदारी उठाएं
जहां बरखा जब कृषि सुखाने
कम बिगड़ने पर सहायता व्यर्थ होती है
आंच न आने देना
संभल जाना
मुंह में पानी भर आना
लालच करना
जान छूटना
संकट से बचाना
हाथ पैर मारना
प्रयत्न करना
भाड़े का टट्टू
खरीदा जा सकने वाला व्यक्ति
घर पर गंगा आना
बिना श्रम के कार्य सिद्ध होना
बीड़ा उठाना
कोई काम करने का जिम्मा लेना
पहाड़ टूट पड़ना
भारी विपत्ति आना
हाथ कंगन को आरसी क्या
प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं
हथेली पर सरसों उगना
आश्चर्यजनक काम करना
आगे कुआं पीछे खाई
दोनों और मुसीबत
उल्टे बॉस बरेली को
विपरीत काम करना
घाट घाट का पानी पीना
अनुभवी होना
आंख का तारा
अत्यंत प्यारा
कान पकड़ना
आगे के लिए सचेत रहना
गुदड़ी के लाल
तुच्छ स्थान में अच्छी वस्तु
नानी के आगे ननिहाल की बातें
अधिक ज्ञान वाले के आगे अपने ज्ञान की शेखी मारना
विहंगम दृष्टि
सरसी नजर
पानी फिरना
बर्बाद होना
रास्ते पर चलना
किसी कार्य में ठीक ढंग से अग्रसर होना
टूट पड़ना
भारी संख्या में पहुंचना
मिट्टी कर देना
कान भर आना
सुनते-सुनते डूब जाना
काम निकालना
प्प्रयोजन सिद्ध होना
आंख का काजल चुराना
सामने की वस्तु चुरा लेना
जहर का घूंघट पीना
अपमान सह लेना
अरण्य रोदन
निष्फल निवेदन
लोहे के साथ चबाना
कठिन परिश्रम करना
मक्खी पर मक्खी मारना
जो की त्यों नकल करना
घास खाना
घोर मूर्खता का परिचय देना
ढेर करना
मार गिराना
घडो पानी पड़ना
लज्जित होना
बाल की खाल निकालना
हजामत करना
खटाई में पढ़ना
रुकावट आ जाना
ईट से ईंट बजाना
चुनौती देना
जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि
कवि बहुत कल्पनाशील होते हैं
छछूंदर के सिर में चमेली का तेल
आयोग के व्यक्ति को भारी यश या बड़ा पद मिलना
अध जल गगरी छलकत जाए
ओछा व्यक्ति प्रर्दशन बहुत करता है
आंख ना दीदा कड़े कसीधा
साधन ना होने पर भी काम कर लेना
घर पर जोगी जोगना आन गांव का सिद्ध
अपने गांव घर की अपेक्षा अन्यत्र अधिक सम्मान
सावन हरे ना भादो सूखे
सदा एक समान रहना
आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास
मुसीबत में फसना
तू डाल डाल में पात पात
जैसे को तैसा
चौबे गए छब्बे बनने दुबे ही रह गए
लाभ के स्थान पर हनी होना
आसमान से गिरा खजूर अटका
एक विपत्ति के बाद दूसरी विपत्ति में आना
कोयले की दलाली में हाथ काले
बुरी संगति में कलंक लगता ही है
मान ना मान में तेरा मेहमान
जबरदस्ती गले पढ़ना
खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे
किसी बात पर शर्मिंदा होकर क्रोध करना
अपना हाथ जगन्नाथ
अपने समर्थ पर दृढ़ विश्वास होना
एक तो करेला दूजा नीम चढ़ा
जो बुरा है उसका साथ भी बुराई हो जाना है
किसी की आई मुझको आए
दूसरे की भला मेरे ऊपर आ जाए
खोदा पहाड़ निकली चुहिया
परिश्रम को देखते हुए बहुत कम फल मिलना
सिहावलोकन करना
आगे बढ़ते हुए आप पीछे की बात पर नजर डालना
हाथ मांजना
अभ्यास करना
कलम तोड़ना
अंगूठी उक्ति लिखना
आंखों पर पलको का बोझ ना होना
अपनों का भरना ना मालूम होना
थाली का बैंगन
सिद्धांतहीन
कागज के घोड़े दौड़ाना
खयाली पुलाव पकाना
बालू की भीत
शीघ्र नस्ट हो जाने वाली वास्तु
अंगार उगलना
कठोर वचन कहना
आस्तीन का सांप
कपटी मित्र
उठ जाना
मर जाना
खुलेआम खुले खजाने
सबके सामने प्रकट रूप में
कपट ओटना
व्यर्थ का कार्य करना
गागर में सागर भरना
थोड़े शब्दों में बड़े भाव या विचार प्रकट करना
मुंह की खाना
पराजित होना
लाल उगलना
बहुत क्रोध में भरकर बोलना
गत बनाना
दुर्दशा करना
देहरी लांघते पाप लगना
अति शीघ्र बदनाम होना
काला नाग
खोटा व्यक्ति
बछिया का ताऊ
बहुत मूर्ख होना
गले का हार
बहुत प्रिय होना
अक्ल पर पत्थर पड़ना
बुद्धि भ्रष्ट होना
दातों तले उंगलियां दबाना
हैरान हो जाना
पापड़ बोलना
कई तरह के कष्ट उठाना
अंगूठा दिखाना
देने से इनकार करना
अंगार सर पर धर लेना
कठिन विपत्ति सहाना
कान काटना
बदला लेना
तबे की बूंद होना
सुख जाना
घर में नहीं दाने बीवी चली भुनाने
समर्थ के बाहर काम करना
दोस्तों आशा करते हे ये जानकारी आपको अच्छी लगी होगी
0 Comments