हेलो दोस्तों स्पेशल एजुकेशन पीडिया पर इस लेख में हिदी भाषा से सम्बंधित लेख लेकर आये है
संज्ञा
जो शब्द किसी व्यक्ति वस्तु स्थान आदि का बोध करते हैं उन्हें संज्ञा कहते हैं
जैसे - सुबह ,मनुष्य, कुर्सी, बाजार, आदि.
संज्ञा के पांच भेद होते हैं -
1- व्यक्तिवाचक संज्ञा
2- जातिवाचक संज्ञा
3- समुदाय वाचक संज्ञा
4- द्रव्यवाचक संज्ञा
5- भाववाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा -
उसे कहते है जो किसी स्त्री पुरुष स्थान विशेष का बोध करती हो,
,जैसे- मालिनी. सतीश. बनारस. शादी.
जातिवाचक संज्ञा -
इस संज्ञा को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं जो किसी एक जाति की वस्तुओं का बोध कराती हो.
जेसे - मनुष्यों स्त्री . पुरुष. जानवर. नदी. आदि
समुदाय वाचक संज्ञा -
उसे संख्या कहते हैं जो किसी समुदाय या समूह का बोध कराती हो .
जैसे - कक्षा. संघ. आदि
द्रव्य वाचक संज्ञा -
उसे संज्ञा कहते हैं जो किसी द्रव्य धातु का बोध कराती हो.
जैसे - सोना. लोहा. तांबा. तेल. पानी. आदि
भाववाचक संज्ञा -
उसे संज्ञा कहते हैं जो किसी पदार्थ के गुण दोष अवस्था कार्य व्यापार आदि का बोध कराती हो.
जैसे- दया गर्मी चोरी दुख सुख यौवन बचपन आदि.
जाति वाला संख्या सर्वनाम विश्लेषण और क्रिया से
भाववाचक संज्ञा बना सकते हैं
जैसे- पशुओं से पशुता शत्रु से शत्रुता लड़का से लड़कपन. मनुष्य का मनुष्यता. अपनापन से अपनापन. नीचे से निजात. हुआ मीठा से मिठास. मूर्ख से मूर्खता. चढ़ने से चढ़ाई. पढ़ने से पढ़ाई. सजन से सजावट. आदि.
- कारक -
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप के वाक्य से दूसरे शब्दों के साथ संबंध जाना जाए । उसे कारक कहते है
जैसे - राम ने फल खाया , गोविंद को पाठशाला जाना है,
हिंदी भाषा मे 8 कारक होते है
कारक विभक्ति
1- कर्ता ने
2- कर्म को
3- करण से के साथ , के वास्ते ,
4- सम्प्रदान को के लिए, के वास्ते,
5- अपादान से (पृथक करने के लिए)
6-संबंध का ,के ,की, ना, ने, नी,
7-अधिकरण में पर
8- संबोधन हे हो अरे हा ओ
- सर्वनाम -
सब लोग कहते हैं जिनका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया था.
जैसा - राम परिश्रम करेगा तो वह आवश्यक सफल होगा. इसी प्रकार आप तुम वह आदि भी सर्वनाम है.
सर्वनाम पांच प्रकार के होते हैं -
पुरुषवाचक सर्वनाम
निश्चयवाचक सर्वनाम
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
संबंधवाचक सर्वनाम
प्रश्नवाचक सर्वनाम
पुरुषवाचक सर्वनाम -
वह सर्वनाम जीने वक्ता , श्रोता या प्रसंगाधीन,
व्यक्ति का बोध होता है,
पुरुषवाचक सर्वनाम 3 प्रकार के होते है
1- उत्तम पुरुष
2- माध्यम पुरुष
3- अन्य पुरुष
उत्तम पुरुष के उदाहरण है - आप तुम ओर
अन्य पुरुष के उदाहरण है वह वे आदि
निश्चयवाचक सर्वनाम -
उन्हें कहते है जो किसी वस्तु विशेष का निचषय करते है।
जैसे- यह, वह ये वे आदि
अनिश्चयवाचक सर्वनाम -
उन्हें कहते है जो किसी वस्तु विशेष का निश्चय ना करते है
जैसे- सब कुछ , ओर कोई
संबंधवाचक सर्वनाम -
उन्हें कहते है जो पहले या बाद के उपवाक्य में आये संज्ञा या सर्वनाम से संबंध बतायें ओर दोनों उपवाक्यों को जोड़े ,
जैसे- जो जैसा करेगा , वह वैसा भरेगा.
प्रश्नवाचक सर्वनाम -
उन्हें कहते है जिनका प्रयोग किसी बारे में प्रश्न करने के लिए प्रयुक्त किया जाए।
जैसे - क्या कोंन,
- विशेषण -
जो सब संज्ञा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं.
जैसे - सुंदर मोटा कला भाव आदि विशेषण जी संज्ञा सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उसे विशेष्य कहते हैं सुंदर बाग में सुंदर विशेषण है और बाघ विशेष्य है
विशेषण चार प्रकार के होते हैं
गुणात्मक विशेषण
संख्यात्मक विशेषण
परणात्मक विशेषण
और संकेत वाचक विशेषण
गुणात्मक विशेषण -
उसे कहते हैं जो किसी संज्ञा सर्वनाम के गुण रंग आकार अवस्था आदि का बोध कारण जैसे लाल पीला दुबला मोटा सुशील दुष्ट भारतीय जापानी ऊंचा नीचा आदि
संख्या वाचक विशेषण -
उसे कहते हैं जो संज्ञा सर्वनाम की संख्या गणना कम समूह आदि का बोध कारण जैसे चार किला दो हाथी तीसरा मकान आदि.
संख्यावाचक विशेषण 3 प्रकार के होते है -
1- निश्चित संख्या विशेषण
2- अनिश्चित संख्या वाचक विशेषण
3- विभाग वाचक विशेषण
1- निश्चित संख्या विशेषण -
एक दो तीन पहला दूसरा दोगुना चौगुना दोनों तीनो आदि
2 -अनिश्चित संख्या वाचक विशेषण-
जैसे-बहुत कुछ थोड़ा आदि
3- विभाग वाचक विशेषण -
जेसे- प्रत्येक , हर एक आदि,
3- परिणामवाचक विशेषण -
उसे कहते है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम का परिणाम बताए
जैसे - चार किलो , थोड़ा दूध,
अधिक वर्षा आदि,
4- संकेतवाचक विशेषण -
उसे कहते है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की ओर संकेत करता हो।
जैसे- ऐसा , उस, वैसा, जो, उतना , आदि
विशेषण बनाने की रीति
संज्ञा के अंत में ई भर भरा युक्त मान रूपी शाली रहित वाला पूर्वक हरि हरा हींन आदि
लगा देने से विशेषण बन जाता है।
जैसे- बुद्धिहीन , शक्तिशाली, स्नेहपूर्वक, ज्ञानरहित, घोड़ेवाला, गुणवान, गुनी, बुद्धिमान, कटोरभर, रसभरा पशुरूपी स्नेहपूर्वक आदि
विशेषणों के रूप में परिवर्तन
हिंदी में लिंग ओर वचन के कारण विशेषण के रूप में परीवर्तन आ जाता है।
जैसे- छोटा लड़का छोटे लड़के छोटी लड़की
परिवर्तन के निम्न नियम है
- अकारान्त ओर ऊकारांत शब्दो मे कोई अंतर नही होता
जैसे- शुशील लड़का
भीरु स्त्री
भीरु स्तररिया
भीरु आदमी आदि
- अकारान्त शब्द का आ स्त्रीलिंग में ई ओर पुरललिंग में ए हो जाता है।
जैसे- काला कुत्ता , काले कुत्ते, काली घोड़ी, काली घोड़िया,आदि
क्रिया
जिस शब्द से किसी कार्य के होने का बोध हो उसे क्रिया कहते हैं वेस्ट जैसे वह लिखता है हर वाक्य में क्रिया का होना अनिवार्य होता है
क्रिया 2 प्रकार की होती है
1- अकर्मक
और
2- सकर्मक
अकर्मक क्रिया उसे कहते हैं जिसका कम नहीं होता और जिसका फल वह प्रभाव करता पर पड़ता है जैसे वह जाता है वह खेलते हैं तुम रोते हो लड़कियां खेलती है
सकर्मक क्रिया उसे कहते हैं जिसका प्रभाव या फल कर्मों पर पड़े हैं अर्थात सरकार सकर्मक क्रिया के साथ कम होता है जैसे राम पुस्तक के पड़ता है राम ने रावण को मारा
कुछ अकर्मक क्रियाओ को सकर्मक बनाया जाता है
जैसे हम पीसना से पीसना और गणना से गणना आदि क्रिया के संबंध में जानने के साथ ही हम कल के संबंध में भी कुछ जान ले क्रिया का समय कल बताता है.
काल तीन होते हैं
भूतकाल
वर्तमान काल
और भविष्य
काल यदि क्रिया पहले हो चुकी हो तो वह भूतकाल होता है जैसे बच्चे खेलते हैं मैं पढ़ रहा हूं आदि क्रिया आगे आने वाले समय में होने वाली हो तो वहां भविष्य काल होता है
जैसे - मैं जाऊंगा वह खेलेंगे क्रिया के लिंग वचन और पुरुष क्रिया के लिंग वचन और पुरुष कहीं करता के अनुसार कहीं कम के अनुसार और कहीं अपने स्वाधीन ढंग से होते हैं
क्रिया विशेषण
क्रिया विशेषण ऐसे शब्द होते हैं जिनसे क्रिया की विशेषता विदित हो इन शब्दों क्रिया विशेषणों का रूप बदलता नहीं आता उन्हें अविकारी और अवयव भी कहते हैं जोर से चल धीरे से वैसा सचमुच ऊपर नीचे भीतर बाहर आवश्यक ठीक नहीं अत आता है एवं इसलिए अचानक निकट क्रमशः जो तो बहुदा सुबह-शाम एकदम अधिक क्रिया विशेषण के उदाहरण है.
आशा करते हे दोस्तों आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी………..
धन्यवाद
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