– चम्बल रिवर परियोजना –
हेलो दोस्तों आज फिर आपके सामने महत्वपूर्ण लेख लेकर आ रहे हैं इस लेख में भारत के मध्य प्रदेश में बहने वाली एक महत्वपूर्ण नदी चंबल नदी के बारे में आपको जानकारी देंगे इसका उद्गम तो मध्य प्रदेश से होता है वह राजस्थान के लिए भी महत्वपूर्ण नदी है इस नदी को राजस्थान की जीवन रेखा कहा जाता है ,
भारत मे नदियों की कहानी ना सिर्फ देश मे बल्कि पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध है।
जिस तरह से गंगा जमना गोदावरी सतलुज नदी का इतिहास बहुत ही महत्वपूर्ण है।
चम्बल नदी के प्रमुख उपनाम -
नित्यवाहि नदी
चर्मवती नदी
राजस्थान की
कामधेनु
बारहमासी नदी
चंबल नदी का उद्गम स्थल -
चंबल नदी का उदगम मध्य प्रदेश राज्य के पश्चिम में विंध्य पर्वतमाला के ठीक दक्षिण में हो से निकलती है चंबल नदी यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदी इस नदी की कुल लंबाई 965 किलोमीटर है चंबल नदी यमुना नदी की सहायक नदी है या नदी जना पाव पर्वत महू से निकलती है इसका प्राचीन नाम चर्मवती है
चम्बल नदी एक ऐसी नदी है जो 12 महीने बहने वाली नदी है। यह नदी जानापाव पर्वत महु इंदौर के पास विंध्य रेंज में मध्यप्रदेश में दक्षिण ढलान से होकर बहती है निकलती है।
नर्मदा नदी की सहायक नदियां -
पार्वती नदी
कालीसिंध नदी
क्षिप्रा नदी
कालीसिंध
आदि
चम्बल का इतिहास -
महाकाव्य महाभारत में चम्बल का नाम चर्मवती ले रूप में बताया गया है
ऐसा कहा जाता है कि राजा रंतिदेव द्वारा बड़ी संख्या में बलिदान दिए गए जानवरो के रक्त का परिणाम था
एक पुरानी कथा के अनुसार द्रोपदी ने नदी को श्राप दिया था जिसके कारण लोग इतना इसके कारण शायद इसी वजह से इस नदी को पवित्र नदियों का दर्जा नहीं दिया जाता लेकिन इसकी कहानी अत्यंत दिलचस्प चंबल आज देश की सबसे प्राचीन नदियों में से एक है और या पानी के लिए कई जानवर वहां आकर पानी पीते है कई प्रजातियों के लिए एक नदी है इसमें कई जानवर जाकर वहां पानी पीते हैं
गर्मियों चंबल नदी का स्तर थोड़ा सा नीचे चला जाता है
चम्बल नदी पर बांध -
चंबल नदी मध्य प्रदेश में यमुना नदी के सहायक नदी है यहां नदी जानापाव पर्वत से 12.2 मी से निकलती है इसका प्राचीन नाम शर्मावती है इसकी सहायक नदियों में शिप्रा काली सिंध और कन्नू नदी है या नदी भारत में उत्तर तथा उत्तर मध्य भारत में राजस्थान के कोटा तथा धौलपुर तथा मध्य प्रदेश के धार उज्जैन रतलाम मंदसौर भिंड मुरैना आदि जिलों से होकर बहती है या नदी दक्षिण की ओर मुड़कर उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है इस नदी पर जल विद्युत परियोजना गांधी सागर राणा सागर कोटा बैराज चल रही है इसके बाद प्रसिद्ध चूलिया जलप्रपात चंबल नदी पर स्थित है चुने जलप्रपात की ऊंचाई 18 मी या राजस्थान सबसे ऊंचा जलप्रपात है
चम्बल नदी घाटी परियोजनायें -
कोटा बेराज परियोजना
गांधी सागर परियोजन
जवाहर सागर परियोजना
राणा प्रताप सागर परियोजना
कोटा बेराज परियोजना -
यह बांध चम्बल घाटी परियोजना के प्रथम चरण ने बना हुआ पहला बांध है जिससे होती है।इस बाँध को 1960 में बनाया गया ।इस बाँध में विद्युत नही बनाई जाती विद्युत का उत्पादन नही होता है। इस बाँध का उपयोगी सिचाई हेतु किया जाता है।
गांधी सागर परियोजना -
यह बाँध मध्यप्रदेश के मंदसौर में स्थित है चम्बल घाटी परियोजना के पहले चरण में 1959 ईसवी में इसे बनाया गया था। यह बहुत बड़ा बाँध है,
इसकी विद्युत छमता 115 मेगावाट है,
जवाहर सागर परियोजना -
जवाहर सागर बाँध राजस्थान के कोटा में स्थित है, यह परियोजना तीसरे चरण में बना हुआ बाँध है,इस बांध को 1972 में बनाया गया था, इसकी
विद्युत छमता 99 मेगावाट है,
राणा प्रताप सागर परियोजना -
राणा प्रताप सागर बाँध राजस्थान के चित्तौरगढ़ जिले में स्थित है, यह परियोजना के दूसरे चरण में बनाया हुआ बाँध है।
इसकी विद्युत छमता 172 मेगावाट है।
चम्बल परियोजना के अंतर्गत राजस्थान में बूंदी, बारा ,कोटा , जिलो में सिचाई होती है,
इस चम्बल घाटी परियोजना से 386 मेगावाट बिजली का उत्पादन और 4.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिचाई होती है,
चम्बल नदी का इतिहास
चम्बल नदी को प्रदूषण से मुक्त नदी कहा जाता है जो प्रदूषण रहित है
चम्बल नदी मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच 150 किलो मीटर तक बहती है।
चम्बल नदी पर मगरमच्छ ओर घड़ियाल का संरक्षण किया जा रहा है,
चम्बल नदी में जानवरों की प्रजातियों को पाला जा रहा है -
काली गर्दन वाला सरस
आर्टर
ऊदबिलाव
पैंथर
चम्बल नदी मध्यप्रदेश के मध्य से उत्तर पूर्व में बहती रहती है
चम्बल नदी मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश में बहती हुई उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में मिल जाती है
यह राजस्थान में मध्य में होते हए निकलती है
चम्बल नदी 12 माह पानी रहता है,
चम्बल नदी उत्तरप्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के लिए दक्षिण -पूर्व की ओर मुड़ने से पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती हुई निकलती है,
चम्बल नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के महु शेर के पास विंध्य रेंज में हुआ है,
चम्बल ओर उसकी सभी सहायक नदियां उत्तर- पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में बहती रहती है,
चम्बल नदी राजस्थान में एक बार ओर प्रवेश करती है, भिंड जिले से ओर उत्तर प्रदेश के इटावा में जाकर उसका समापन होता है।
चम्बल नदी की लंबाई 965 किलो मीटर है,
चम्बल नदी की सहायक नदी छिपरा कालीसिंध पार्वती है।
यह नदी मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच सीमा का निर्धारण करती है।
चम्बल नदी पर 3 परियोजनाएं है।
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